भारत में करोड़ों मेहनतकश लोग ऐसे हैं जो असंगठित क्षेत्रों में दिन-रात मेहनत करते हैं लेकिन उन्हें कोई स्थायी सामाजिक सुरक्षा नहीं मिल पाती। इन्हीं श्रमिकों के जीवन में बदलाव लाने और उन्हें आर्थिक संबल देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की थी। वर्ष 2025 में इस योजना को और भी प्रभावी बनाया गया है। अब इस कार्यक्रम के अंतर्गत पंजीकृत कामगारों को बुढ़ापे में हर माह ₹3,000 का पेंशन लाभ प्रदान किया जाएगा, जो उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने का एक सशक्त माध्यम साबित होगा।
यह पहल उन लाखों परिवारों के लिए आशा की किरण है जो अनिश्चित आय और असुरक्षित भविष्य के साथ जीवन यापन कर रहे हैं। सरकार का यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि हर मेहनतकश व्यक्ति को उसके श्रम का सम्मान मिले और वृद्धावस्था में भी उसे सम्मानजनक जीवन जीने के साधन उपलब्ध हों।
ई-श्रम पोर्टल: डिजिटल युग में मजदूरों की पहचान
ई-श्रम योजना देश के असंगठित कामगारों के लिए बनाया गया एक राष्ट्रीय डेटाबेस है जो उन्हें डिजिटल पहचान प्रदान करता है। इस मंच के माध्यम से सरकार श्रमिकों की व्यक्तिगत जानकारी, उनके कार्य की प्रकृति, कौशल स्तर और आय विवरण को व्यवस्थित तरीके से संग्रहित करती है। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह है कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।
इस पहल के तहत मजदूरों को 12 अंकों का एक विशेष यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्रदान किया जाता है। यह नंबर उनकी आजीवन पहचान बन जाता है और किसी भी सरकारी सहायता प्राप्त करने में सहायक होता है। यह व्यवस्था पारदर्शिता बढ़ाती है और भ्रष्टाचार की संभावनाओं को कम करती है।
मासिक ₹3,000 पेंशन: वृद्धावस्था का सहारा
इस योजना की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि पंजीकृत श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरांत प्रतिमाह ₹3,000 की पेंशन राशि दी जाएगी। यह धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। इस प्रणाली से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
इस पेंशन योजना में अंशदान की व्यवस्था सह-योगदान के सिद्धांत पर आधारित है, जहां श्रमिक और सरकार दोनों मिलकर पेंशन फंड में योगदान करते हैं। यह राशि भले ही बड़ी न लगे, लेकिन असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों के लिए यह बहुत बड़ा सहारा है जिनके पास वृद्धावस्था में कोई निश्चित आय का स्रोत नहीं होता।
पात्रता मानदंड: कौन उठा सकता है लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को असंगठित क्षेत्र का कामगार होना अनिवार्य है। इसमें निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूर, ऑटो-रिक्शा या टैक्सी चालक, घरों में काम करने वाले सहायक, फेरीवाले, छोटे व्यापारी, कृषि मजदूर, बढ़ई, नाई, धोबी, और अन्य समान व्यवसायों में लगे लोग शामिल हैं। आयु सीमा 18 से 59 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है।
एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि आवेदक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) या कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) का सदस्य नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, आवेदक के पास आधार कार्ड, सक्रिय मोबाइल नंबर और बैंक खाता होना आवश्यक है जो आधार से लिंक्ड हो। आयकर दाता इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
पंजीकरण प्रक्रिया: सरल और सुगम
ई-श्रम कार्ड के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को बेहद सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया गया है। इच्छुक व्यक्ति eshram.gov.in पोर्टल पर जाकर स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। सबसे पहले आधार संख्या दर्ज करनी होती है, जिसके बाद आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आता है। इस OTP को सत्यापित करने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।
इसके पश्चात व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, शैक्षणिक योग्यता, व्यवसाय का प्रकार, कौशल का स्तर और बैंक खाता संबंधी जानकारी भरनी होती है। सभी जानकारियां सही-सही भरने और सबमिट करने के बाद, ई-श्रम कार्ड तुरंत डाउनलोड किया जा सकता है। जिन लोगों को तकनीकी जानकारी नहीं है, वे अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर न्यूनतम शुल्क देकर यह कार्ड बनवा सकते हैं।
बहुआयामी लाभ: केवल पेंशन नहीं
ई-श्रम कार्ड के लाभ केवल मासिक पेंशन तक सीमित नहीं हैं। यह कार्ड श्रमिकों को अनेक सरकारी योजनाओं से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। सबसे महत्वपूर्ण लाभ ₹2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर है, जो आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में दिया जाता है। आंशिक विकलांगता की स्थिति में ₹1 लाख की राशि प्रदान की जाती है।
इसके अतिरिक्त, ई-श्रम कार्डधारक प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। यह कार्ड एक प्रकार से “मास्टर कार्ड” की तरह कार्य करता है जो सभी सरकारी सुविधाओं के दरवाजे खोल देता है।
महत्व और प्रभाव
ई-श्रम योजना भारत के असंगठित क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देश की लगभग 80-85% कार्यशील जनसंख्या असंगठित क्षेत्र में कार्यरत है, जो अब तक सामाजिक सुरक्षा के दायरे से बाहर थी। इस योजना के माध्यम से इन करोड़ों श्रमिकों को मुख्यधारा में लाया जा रहा है।
यह पहल न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी लाभकारी है। जब मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मिलती है, तो उनकी उत्पादकता बढ़ती है और वे अर्थव्यवस्था में बेहतर योगदान देते हैं। इससे गरीबी में कमी आती है और समाज में समानता बढ़ती है।
ई-श्रम कार्ड योजना 2025 देश के असंगठित कामगारों के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। मासिक ₹3,000 की पेंशन, दुर्घटना बीमा और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ाव – ये सभी लाभ मिलकर एक सुरक्षा कवच तैयार करते हैं। यदि आप भी असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं और अभी तक इस योजना से नहीं जुड़े हैं, तो आज ही पंजीकरण करवाएं। यह न केवल आपके वर्तमान को बल्कि आपके भविष्य को भी सुरक्षित बनाने का एक सुनहरा अवसर है। अपने परिवार को आर्थिक संकट से बचाने और वृद्धावस्था में सम्मानजनक जीवन जीने के लिए ई-श्रम कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत किया गया है। ई-श्रम कार्ड और इससे संबंधित योजनाओं की जानकारी विभिन्न सरकारी पोर्टलों, मीडिया स्रोतों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दिशा-निर्देशों पर आधारित है। पेंशन, बीमा और अन्य लाभों की पात्रता एवं प्रक्रिया समय-समय पर सरकारी नीतियों के अनुसार बदल सकती है।
पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक पोर्टल eshram.gov.in पर जाकर नवीनतम जानकारी की पुष्टि करें या संबंधित सरकारी कार्यालय से संपर्क करें। लेख में दी गई किसी भी जानकारी की संपूर्णता, सटीकता या समयबद्धता की हम कोई गारंटी नहीं देते। किसी भी वित्तीय या कानूनी निर्णय से पहले योग्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।








